पुस्तकालय (Library) :
संस्था का पुस्तकालय
आधुनिक पुस्तकों से
समृद्ध हैं | विभिन्न
विषयों की उच्चकोटि की
पुस्तकों का यहां वृहद
संग्रह हैं | पुस्तकालय
से संलग्न एक वाचनालय
हैं, यहां शान्त पठन-
पठान का पूर्ण प्रबन्ध है
| पढ़ाई के समय, सन्दर्भ
के लिए आवश्यक पुस्तकों
का अलग से संगृह वाचनालय
में ही हैं | छात्रो से
पुस्तकालय तथा वाचनालय का
उपयोग करते समय,
पुस्तकालय द्वारा
निर्धारित तथा निर्देशित
नियमों, आदेशों तथा
आज्ञाओं का पालन अपेक्षित
वाचनालय या पुस्तकालय की
पुस्तकों, मैगजीनों,
अख़बारों तथा अन्य
पत्रिकाओं आदि पर लिखना,
पन्ने या चित्र फाड़ लेना
अथवा फर्नीचर आदि
पुस्तकालय की सम्पत्ति को
नुक्सान पहुचाना गम्भीर
अपराध है तथा दोषी छात्र
/ छात्राओं के विरुद्ध
अनुशासनात्मक कार्यवाही
की जायेगी | छात्र /
छात्रा को पुस्तकालय के
कर्मचारी द्वारा मांगे
जाने पर परिचय - पत्र
दिखाना अनिवार्य होगा |
बिना परिचय - पत्र के
अभ्यर्थियों को पुस्तकालय
अथवा वाचनालय में प्रवेश
करने से मना भी किया जा
सकता हैं | निर्धन तथा
मेधावी अभ्यर्थियों को
बुक बैंक से पूरे सत्र के
लिए पुस्तकें भी दी जाती
हैं |
ग्रन्थागार:
महाविद्यालय के पास
विभिन्न विषयों की
अधुनातन पुस्तकों से
सुसज्जित ग्रन्थागार है |
इसमें संदर्भ ग्रन्थों और
विभिन्न विषयों के मानक
ग्रन्थों को उपलब्ध कराने
की चेष्टा रही है |
पुस्तकालय से लगा हुआ
विद्यार्थियों और अध्यापकों
के लिये वाचनालय है |
अनुसंधान करने वाले
विद्यार्थियों के लिये भी
पुस्तकालय में सुविधायें
प्रदान की गयी हैं |
ग्रन्थागार और वाचनालय की
व्यवस्था एक वरिष्ठ
प्राध्यापक एवं
प्रशिक्षित
पुस्तकालयाध्यक्ष के
निर्देशन में संचालित होती
है | पुस्तकालय में
विभिन्न विषयों के
अतिरिक्त राष्ट्रीय तथा
अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान
क्षेत्र में प्रकाशित
उत्तम कोटि की पत्र-
पत्रिकाओं और कई
महत्वपूर्ण समाचार पत्रों
के नियमित आगमन की भी
पूर्ण व्यवस्था है |
कोलकाता के सेठिया बन्धुओ
ने अपनी पूजनीया माता
स्वर्गीय श्रीमती पार्वती
बाई सेठिया की पुण्य
स्मृति में ६ कक्षाओं का
एक पृथक ग्रन्थालय
प्रखण्ड निर्मित कराया |
अगस्त १९७३ से संस्था में
एक पुस्तक कोष कार्य करने
लगा है | पुस्तकालय में
लेखकानुसार पुस्तक सूची
विद्यार्थियों की सुविधा
के लिये उपलब्ध है | इससे
उन्हे पुस्तकालय में अपने
विषयों के उपयोगी पुस्तकों
का पता लगाने तथा उनकी
मांग करने में कोई कठिनाई
नहीं होती है | पुस्तक -
कोष की योजना से लगभग डेढ़
सौ मेधावी एवं निर्धन
छात्र /छात्राओं को पूरे
सत्र के लिये सब विषयों
की पाठ्य पुस्तकें प्रदान
की जाती हैं | पुस्तक कोष
की सुविधा से लाभ उठाने
के इच्छुक विद्यार्थियों
को अपने प्रार्थना - पत्र
समय से पुस्तकालय में जमा
कर देने चाहिए |
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